Just Hasyam Season IV - 2014
विजयलक्ष्मी पार्क में रविवार शाम देश के नामचीन कवियों ने श्रोताओं को हास्य व्यंग्य से सरोबार कर दिया। सृजन को समर्पित संस्था आनन्दम् के तत्वाधान में आयोजित 'जस्ट हास्यम' सीजन-4 में टी-20 किक्रेट मैच के फाइनल के बावजुद अपने निश्चित समय पर श्रोताओं से खचाखच भरे पांडाल में कवि रासबिहारी गौड़ के चुटिले संचालन के साथ कार्यक्रम का आगाज करते हुए स्थानीय राजनीति, चुनावी मौसम, किक्रेट व कवियों के परिचय से श्रोताओं को सीधे जोड़कर हास्यम् वातावरण का निर्माण किया। सबसे पहले आगरा से आये रमेश मुस्कान ने अपनी छोटी-छोटी तात्कालिक टिप्पणियों से लोगों की राजनैतिक चेतना को जाग्रत करते हुए खिलखिलाहट बिखेरी। इसके बाद सरदार मंजीत ंिसंह ने अपने सरदार होने पर असरदार तरीके से आनन्द बिखेरा। उन्होने कहा कि एक सरदार ही इतना समझदार होता है। जो एम.पी. बने बिना पी.एम. बन सकता है। फालना से आयी कवियत्री कविता किरण से संचालक की छीटा कसीं में जहाँ श्रोताओं ने जमकर मजा लिया वहीं गठबंधन राजनीति पर उनके गीत की लय में बहने लगें। लाफ्टर चैम्पियन रास बिहारी गौड़ ने जहाँ अपनी छोटी-छोटी फुलझडि़यों ने श्रोताओं को हँसने पर मजबूर किया वही 'मुफ्त की सलाह' कविता अपनी परेशानी आँसू गम सब भूल जाते है सुनाकर दाद वटोरी। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण दिल्ली से आये हरियाणवी कविे अरूण जैमनी ने जब अपने हरियाणवी अंदाज में बोलना शुरू किया तो ठहाकों का विस्फोट सा होने लगा। 'ढूँढते रह जाओगे' शीर्षक पर बहुचर्चित कविता -आपस में प्यार, भरा पूरा परिवार, परोपकारी बंदे अर्थी को कंधे। 21वीं सदी में ढूँढते रह जाओगे। सुनाकर श्रोताओं को सोचने पर मजबूर किया। कार्यक्रम में कवियों का स्वागत संस्था के सदस्य हेमन्त शारदा, रमेश ब्रह्यवर, नवीन सोगानी, सोमरत्न आर्य, प्रीति तोषनीवाल, डॉ. सुभाष माहेश्वरी, अतुल माहेश्वरी, संजय सोनी, कंवल प्रकाश किशनानी, सुनील मूंदड़ा, अशोक पंसारी, भवानी शंकर, निरंजन महावर, संजय अरोड़ा, जगदीश गर्ग, शंकर फतेहपुरिया, राजेन्द्र रांका, विनोद शर्मा, संजय जैन, रेखा गोयल ने किया।
Just Hasyam Season V - 2015
आनंदम संस्था की और से सोमवार की साय जहवार रंगमंच पर अायोजित जस्ट हास्यम कार्यक्रम में हास्य कवियो ने श्रोता को खूब गुदगुदाया |लेकिन कवियों ने अपने पुराने और वॉट्सएप्प एवं अन्य सोशल मिडिया पर खूब चले हुए चुटकुलो को भी पेश करने से गुरेज नहीं किया .लखनऊ के प्रदीप चौबे ने आलपिन नाम से दो तीन पंक्तिया सुना कर श्रेताओ की तालिया बटोरी | ऊन्होने सुनाया- शेर -शेरनियों से नहीं डरता क्यो की वह प्यार करता है शादी नहीं करता | कोयल ने कौए से पूछा दादा आपने शादी क्यों नहीं की .कौए ने कहा वैसे ही जिंदगी में काँव -काँव है | चौबे की ये आलपिन भी साहारी गयी . बीवी एक तो जीने नही देती और ऊपर से करवा चौथ रखती है .मरने भी नहीं देती .महिलाओ के अधिक चूड़ी पहनने को लेकर यू टिपणी की -सुहाग के लिए सिर्फ एक चूड़ी काफी है फिर इतनी सारी चुडिया आखिर औरते कितने सुहाग चाहती है लखनऊ के सूर्य कुमार पाण्डे ने मनवीय विसनती को अपने हास्ये का केंद्र बनाकर हसाया | ऊन्होने सुनाया -गोरी के पैगाम का नया नवेला ट्रेंड .एस में एस हस्बेंड का बॉयफ्रेंड् को सेंड | प्रधानमंत्री नरेन्दर मोदी के स्वछता अभियान को ऊन्होने यू दर्शया ,सरपट भावनाए उनको जगा रा हु |मौका दिया है अपने मोदीजी शुक्रिया उसकी गली मैं गुस के झाड़ू लगा रा हु | जयपुर के संपत सरल ने गद्य में अपनी बात रखी | ऊन्होने वे भी क्या दिन थे रचना सुनाकर पुराने दिन की याद ताजा की उस रचना मैं उनकी ये पंक्ति साहारी गयी - पुराने ज़माने मैं मारवाड़ी मैं बोल चाल होती थी | हिंदी तो शहर तक ही सिमित थी अंग्रेजी तो पिने के बाद ही बोली जाती है भारत की आर्थिक स्थिति को प्रकट करते हुये उन्होंने कहा हम भारतीयो को व्यक्ति ही उधार देगा जो पुनर्जन्म मैं विकास हो उदयपुर के राज आजाद शत्रु ने .पयासी कुर्सी मुझे भी दिलवा दो .गणपति बपा मोरिया कविता सुनाई . अजमेर के रासबिहारी गौड़ ने संचालन किया | ऊन्होने मेहमान नवाजी को लेकर अपनी रचना पस्तुत की .प्रारम्भ मैं संस्था के सदस्यो ने कवियो का स्वागत किया | इस अवसर पे संस्था की बेबसाइट का लोकारर्पण किया |